ये किस्सा है साल 1964 में आई धर्मेन्द्र की फ़िल्म हक़ीक़त का ..दरअसल हक़ीक़त फ़िल्म की शूटिंग 19000 फ़ीट ऊंची पहाड़ी की चोटी पर हो रही थी और अगर बात करूं वहाँ पर मुश्किलों की तो वहां पर ऑक्सीजन की भारी कमी थी.. और ठंड की वजह से समेत मेक अप मैन धर्मेन्द्र के क्रू के कई मेंबरो की स्किन फट गई तथा कई बीमार पड़ गए थे…और शूट की शूटिंग के वख्त उनके पास LMG भी थी जिस को साथ मे रख कर चढ़ना था..
धर्मेन्द्र तो अच्छे शरीर की वजह से चढ़ते जा रहे थे..लेकिन मैक मोहन..जिसे आप शोले के सांभा के रूप में ज्यादा जानते है.. उन्होंने भी हक़ीक़त फ़िल्म में काम किया था..दरअसल ये मैक की पहली फ़िल्म भी थी..तो हुआ ये के जब वो सभी लोग पहाड़ी चढ़ रहे थे एक तो धर्मेन्द्र थे दूसरे मैक और एक और भी ऐक्टर धर्मेन्द्र के साथ था।..
तो डायरेक्टर चेतन आनंद ने धर्मेन्द्र से एक जगह दिखाते हुए कहा के तुम लोग वहां जा सकते हो ?.. हमे ज़ूम लेना है.. अगर तुम जाओगे तो तुम्हारे साथ दूसरे भी चले जायेंगे..
धर्मेन्द्र अपने साथ दोनों एक्टरों को लेकर जब पहाड़ी पर चढ़ने लगे तो मैक मोहन.. लंबे लंबे सांस लेने लगा और नीचे बैठ गया.. धर्मेन्द्र ने जब मुड़ कर देखा तो मैक की हालत खराब थी.. धर्मेन्द्र ने कहा के इसे क्या हो गया.. उस वख्त धर्मेन्द्र समेत सारे एक्टरों ने फौजियों की वर्दी तो पहन रखी थी.. लेकिन जब ध्यान आया के उन्होंने पानी तो रखा ही नहीं था.. जब धर्मेन्द्र को एहसास हुआ के उनके पिठू बैग में कुछ हिल रहा है तो जब खोल कर देखा तो उस मे एक सेब था.. तो धर्मेन्द्र ने जल्दी जल्दी में सेब को निकाला और उसे दबा के मैकमोहन के मुंह में निचोड़ा और सेब का रस मैक के मुह में डाला.. जिससे मैक की जान बच पाई …फिर धर्मेन्द्र ने जब मैक से पूछा के तुम चढ़ पाओगे जा वापिस चले तो… मैक को डर था के चेतन साहब उसे बुरा भला कहेंगे.. लेकिन धर्मेन्द्र ने कहा के चेतन को मैं समझा लूंगा.. तुम उसकी फिक्र मत करो अगर तुम से चला जायेगा तो ही चलेंगे..