1970 के दौर में जब अमिताभ बच्चन का स्टारडम शिखरों पर था तो उस दौरान सारे मीडिया संस्थान उनके खिलाफ थे तथा खिलाफत इस कदर अमिताभ पर हावी थी के सारे मीडिया ने उन्हें बैन कर दिया था…..
मीडिया इस कदर उनके ख़िलाफ़ था के मीडिया ने उनकी एक भी तस्वीर, एक भी साक्षात्कार तथा एक भी इंटरव्यू लेने से इनकार कर दिया था.. जबके उनकी लगभग सभी फिल्में सुपरहिट जा रही थी..सफलता उनके कदम चूम रही थी.. जब अमिताभ बच्चन किसी भी समारोह तथा प्रीमियर में शामिल होने के लिए एंटर होते तो कैमरामैन अपने कैमरे उनके सामने ही नीचे रख देते थे.. और कभी कभी पत्रिकाओं में उन्हें क्रेडिट देने की बजाए उनका नाम ही काट दिया जाता था…
दरअसल इमरजेंसी के उस दौर में कुछ प्रेस को बैन किआ गया था तो इसी वजह से सारा प्रेस उनसे नाराज़ था तो अमिताभ बच्चन ने भी जवाब में अपनी फिल्मों के सेट पर मीडिया को बैन करने का फैसला लिया..ये अमिताभ बच्चन ने खुद 2017 के अपने एक ब्लॉग में लिखा भी था.. अमिताभ ने लिखा था, “मेरे बारे में कुछ भी कुछ भी छपा या लिखा नहीं गया था..
मेरी किसी भी फ़िल्म या मेरे काम का कोई भी कवरेज नहीं था.. और अगर मुझे किसी समारोह में भाग लेना था तो कोई मेरी तस्वीर नहीं थी.. फोटोग्राफर अपने कैमरे मंच पर रख देते थे जहाँ मैं खड़ा होता था..और जब तक मैं वहाँ रहा उन्होंने मेरा विरोध किया.. और मेरी एक भी तस्वीर नहीं ली..उदहारण के तौर पे अगर नास्तिक.. की बात होती तो इसमें हेमा मालिनी, (,), और प्राण होंगे.. मैं अल्प विराम था।”
उसके बाद प्रेस बैन के दौरान जब उनकी सबसे हिट फिल्म ‘दीवार’ रिलीज हुई लेकिन सर्वश्रेष्ठ अभिनेता की ट्रॉफी सी ”आंधी’ के लिए उनके प्रतिद्वंदी संजीव कुमार को दी गई और ये टॉफी अमिताभ के हाथों ही दिलवाई गई..”जब उस वख्त लोगों ने अमिताभ से इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा के “ये कदम जानबूझकर मुझे अपमानित करने के लिए था।”