24 अगस्त 1974 का दिन था डॉन का एक गाना “ये मेरा दिल प्यार का दीवाना ‘की रिकॉर्डिंग होने वाली थी।फ़िल्म के लिए संगीत तैयार किया था कल्याण जी -आनंद जी जी।
एक लड़का स्कूल से छुट्टी लेकर जल्दी आ गया था और मूस्ची रूम में बैठा था।आज उस बच्चे को उसके पिता और चाचा ने इस गाने के रिकॉर्डिंग को अरेंज करने की ज़िम्मेदारी दी थी । उन्होंने उनके हुनर को देखते हुए ये फ़ैसला किया था
वो बच्चा था संगीतकार बंधु कल्याण जी और आनंद जी में से कल्याण जी शाह के बेटे विजय कल्याण शाह जिसे लोग घर में विजू नाम से बुलाते थे।।
अब ये कहानी सुनिए विजू शाह की ज़ुबानी
विजू शाह के मुताबिक़ म्यूजिक रूम/रिकॉर्डिंग रूम में आने के बाद वो सब म्यूजिकल अरेंजमेंट्स कर रहे थे।घर के म्यूजिकल माहौलमें रहते हुए वे की बोर्ड के सारे अरेंजमेंट्स समझ गये थे ।रिकॉर्डिंग रूम के बाहर फ़िल्म इंडस्ट्री के दिग्गज लोग मौजूद थे फिर भी वो नर्वस नहीं थे बस अपने पिता की कही एक बात उसे याद आ रही थी जिसे उन्होंने गुजराती में कहा था
उन्होंने कहा था कि विजू अगर रिकॉर्डिंग या अरेंजमेंट में गड़बड़ होगी तो रिकॉर्डिंग फिर से शुरू करनी होगी।
रिकॉर्डिंग स्टार्ट हुई और आशा जी ने अनजान साहब के लिखे गीत को गाना शुरू किया और बस कुछ रिहर्सल के बाद गाना फ़ौरन रिकॉर्ड हो गया।
इस गाने को जब आप सुनेगी तो आप पायेंगे कि इस गाने के शुरू में जो पिओनो का जो म्यूजिक शुरू होता है, और साथ में गाने में जगह जगह जो डिफरेंट बीट का इस्तेमाल हुआ है वो सब विजू शाह का अरेंज किया हुआ था
तो ये शुरुआत थी विजू शाह के मदमस्त म्यूजिकल जर्नी की शुरुआत ।।।। आने वाले कुछ दिन में फ़िल्मीमोज़ विजू शाह के अन्य गीतों के पीछे की कहानी सुनाएगा।
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