बॉलीवुड की दुनिया में कई बार ऐसी घटनाएं होती हैं जो दर्शकों को चौंका देती हैं। ऐसी ही एक घटना 1980 और 1990 के दशक की दो प्रमुख अभिनेत्रियों मीनाक्षी शेषाद्रि और माधुरी दीक्षित के बीच हुई थी। आइए जानते हैं इस झगड़े की वजह और इससे जुड़े घटनाक्रम के बारे में।
फिल्म ‘शहंशाह’ की सफलता
1988 में आई फिल्म ‘शहंशाह’ ने मीनाक्षी शेषाद्रि और अमिताभ बच्चन की जोड़ी को बड़ी सफलता दिलाई। इस फिल्म के बाद निर्देशक टीनू आनंद ने ‘शनाख्त’ नामक एक नई फिल्म बनाने की योजना बनाई।
‘शनाख्त’ में डिंपल कपाड़िया की भूमिका
शुरुआत में, ‘शनाख्त’ में मुख्य भूमिका के लिए डिंपल कपाड़िया को साइन किया गया था, जबकि मीनाक्षी शेषाद्रि को दूसरी मुख्य भूमिका दी गई थी। लेकिन जब डिंपल कपाड़िया ने कम फीस के कारण फिल्म में काम करने से मना कर दिया, तो निर्देशक ने मुख्य भूमिका के लिए माधुरी दीक्षित को साइन किया।
मीनाक्षी का इंकार
जब मीनाक्षी शेषाद्रि को पता चला कि उन्हें माधुरी दीक्षित के साथ दूसरी मुख्य भूमिका में काम करना है, तो उन्होंने इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया। मीनाक्षी, जो अपने समय की प्रमुख अभिनेत्री थीं, ने पहले भी फिल्मों ‘आवारा बाप’ और ‘स्वाति’ में मुख्य भूमिकाएँ निभाई थीं, जिनमें माधुरी दीक्षित ने सहायक भूमिकाएँ निभाई थीं।
फिल्म का निर्माण रुकना
मीनाक्षी शेषाद्रि के इनकार के बाद, माधवी को दूसरी मुख्य भूमिका के लिए साइन किया गया था। हालांकि, कुछ हिस्से पूरे होने के बावजूद, फिल्म ‘शनाख्त’ का निर्माण रोक दिया गया और यह कभी पूरी नहीं हो सकी।
संबंधों में दरार
इस घटना के बाद, मीनाक्षी शेषाद्रि और माधुरी दीक्षित के बीच रिश्ते में खटास आ गई। दोनों के बीच आई यह दरार समय के साथ और गहरी हो गई और आज भी यह विवाद बरकरार है।
बॉलीवुड की चमक-धमक के पीछे अक्सर ऐसी कहानियां छिपी होती हैं जो दर्शकों को हैरान कर देती हैं। मीनाक्षी शेषाद्रि और माधुरी दीक्षित के बीच का यह झगड़ा भी ऐसी ही एक कहानी है, जो दर्शकों को उनके पसंदीदा सितारों की जिंदगियों की एक झलक देती है।