क्या आप जानते हैं कि संजीव कुमार इस फिल्म के लिए मेकर्स की पहली पसंद नहीं थे. इतना ही नहीं वह खुद भी ‘ठाकुर’ का किरदार नहीं निभाना चाहते थे. हालांकि, बाद में जब उन्हें ‘ठाकुर’ का किरदार मिला तो उन्होंने इस किरदार में न सिर्फ जान फूंक दी बल्कि फीस के मामले में भी उन्होंने अमिताभ को पीछे छोड़ दिया था . ‘ठाकुर न झुक सकता है, ना टूट सकता है, ठाकुर सिर्फ मर सकता है…’ जैसे डायलॉग को आइकॉनिक बनाने वाले एक्टर संजीव कुमार ‘गब्बर’ का रोल निभाना चाहते थे. लेकिन, रमेश सिप्पी ने ‘गब्बर’ वाले किरदार के लिए अमजद खान को फाइनल कर लिया था. ‘ठाकुर’ के रोल के लिए पहली पसंद संजीव कुमार नहीं बल्कि दिलीप कुमार थे, लेकिन दिग्गज एक्टर ने ये रोल ठुकरा दिया. अपने इंटरव्यू में दिलीप कुमार ने इस रोल को ठुकराने का पछतावा कई बार जाहिर किया है.
हालांकि, संजीव कुमार ने ठाकुर के रोल के लिए हां किया और उन्होंने अपनी शानदार अदाकारी से लोगों के दिलों को जीत लिया. साल 1975 की ये बड़ी हिट 2-3 करोड़ रुपये के बजट में बनकर तैयार हुई थी. बाद में इस फिल्म ने वर्ल्ड वाइड 50 करोड़ रुपय का कलेक्शन किया था. साथ ही इस फिल्म ने ऐसा इतिहास रचा था कि आज भी इस फिल्म के कई रिकॉर्ड नई फिल्में नहीं तोड़ पाईं हैं.