90 के दशक की सबसे कल्ट क्लासिक कॉमेडी, जिसे हर सिनेप्रेमी बार-बार देखना पसंद करता है, वह अब बड़े पर्दे पर फिर से धमाल मचाने के लिए तैयार है! जी हां, अप्रैल 2025 में ‘अंदाज़ अपना अपना’ फिर से सिनेमाघरों में रिलीज़ होने जा रही है और इस बार इसे 4K रिस्टोरेशन और Dolby 5.1 साउंड के साथ पेश किया जाएगा, जिससे इसका मज़ा दोगुना हो जाएगा।
90s की मास्टरपीस – आज भी दर्शकों की फेवरेट!
1994 में रिलीज़ हुई ‘अंदाज़ अपना अपना’, भले ही अपनी रिलीज़ के समय सुपरहिट न हुई हो, लेकिन समय के साथ इसने कल्ट स्टेटस हासिल कर लिया। राजकुमार संतोषी द्वारा निर्देशित इस फिल्म को लोग इसके अनोखे किरदारों, मज़ेदार डायलॉग्स और बेजोड़ कॉमिक टाइमिंग के लिए आज भी याद करते हैं।
फिल्म की सबसे बड़ी खासियत थी – अमर और प्रेम की कॉमिक केमिस्ट्री! अमर (आमिर खान) – चालाक, जुगाड़ू, सपने बड़े लेकिन मेहनत से दूर!
प्रेम (सलमान खान) – भोला, थोड़ा आलसी, लेकिन दिल का बेहद साफ!
इन दोनों के साथ-साथ फिल्म में कई ऐसे किरदार थे, जो आज भी लोगों की यादों में बसे हुए हैं –
यादगार किरदार और डायलॉग्स – जो कभी पुराने नहीं होते!
तेजा (Paresh Rawal) – डबल रोल में आए परेश रावल ने तेजा और रामगोपाल बजाज का किरदार निभाया। “Mark idhar hai!” डायलॉग आज भी लोगों को गुदगुदा देता है।
क्राइम मास्टर गोगो (Shakti Kapoor) – बॉलीवुड का सबसे मज़ेदार विलेन, जिसने अपने स्टाइल से लोगों का दिल जीत लिया। “Aankhein nikal ke gotiyaan khelta hoon!” उनका ये डायलॉग तो आज भी हर फिल्म लवर की ज़ुबान पर है!
रवीना (Raveena Tandon) और करिश्मा (Karisma Kapoor) – दोनों खूबसूरत और कन्फ्यूजन से भरी इस फिल्म की शान थीं! फिल्म में नामों की अदला-बदली ने खूब हंसी-ठहाके बटोरे।
फिल्म के हर सीन, हर डायलॉग और हर किरदार ने 90s के दर्शकों की ज़िंदगी का अहम हिस्सा बना लिया।
4K में ‘अंदाज़ अपना अपना’ – मज़ा दोगुना!
फिल्म को 31 साल बाद 4K रिजॉल्यूशन में रिस्टोर किया गया है और Dolby 5.1 साउंड के साथ पेश किया जाएगा। इससे दर्शक पहले से भी बेहतर क्वालिटी में इस फिल्म का आनंद ले पाएंगे। Cinepolis द्वारा इसे पूरे भारत में दोबारा रिलीज़ किया जा रहा है, जिससे नई पीढ़ी भी इस ऐतिहासिक कॉमेडी का मज़ा बड़े पर्दे पर उठा सकेगी।
“दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं…” – आप किस कैटेगरी में हैं?
अब वक्त आ गया है कि जो लोग इस फिल्म को पहले ही 50 बार देख चुके हैं, वे इसे एक बार फिर बड़े पर्दे पर देखें और जो लोग अब तक सिर्फ इसके मीम्स और डायलॉग्स पर हंसे हैं, वे इसे थिएटर में जाकर इसका असली मज़ा लें!
तो तैयार हो जाइए – वही अंदाज़, वही मस्ती, लेकिन इस बार और भी ज़्यादा धमाल के साथ!
क्योंकि ये तेजा-तेजा नहीं, ‘अंदाज़ अपना अपना’ है!