सुनील दत्त साहब के बारे में जितनी मालूमात या उनके जीवन से जुड़े कुछ झूठे किस्से कहानिया सोशल मीडिया पर उपलब्ध है, लेकिन उस वख्त फिल्मों में आने से पहले उनकी दिनचर्या क्या थी?.. ये शायद ही किसी को पता हो.. मुझे नहीं लगता के उनके बेटे संजय दत्त को भी फिल्मों में आने से पहले वो पूरा दिन कैसे बीताते थे..ये उन्हें भी पता होगा..सुनील दत्त साहब ने शुरुआती दौर में एक इंटरव्यू में अपनी दिनचर्या बताई थी.. उन्होंने बताया था के “वैसा तिमाद दार इंसान हो नहीं सकता था..चूंके पढ़ने के लिए कोई जगह नहीं होती थी.. तो मैं सुभह सुबह उठ जाता था और तैयार होकर जै हिन्द कॉलेज में चला जाता था और कॉलेज जाने के बाद मैं 10 बजे लाइब्रेरी में चला जाता था.. और वहा लाइब्रेरी में, मैं पड़ता था.. 2 बजे तक वो कॉलेज में रहते थे और 2 बजे के बाद मेरी ड्यूटी होती थी…और.दोपहर दो बजे से लेकर रात के साढ़े 10 या ग्यारह बजे तक मेरी बस डिपू में मेरी ड्यूटी होती थी..
मेरी ड्यूटी ये थी के जो बसे आती थी बस डिपू में.. उनकी कोई घंटी टूटी हुई है उसका रिकॉर्ड रखना,
डीजल कितना गया है बस में उसका रिकॉर्ड रखना.
.कोई ड्राइवर बोलता था के उसका मड़ गार्ड टूट गया है उसका रिकॉर्ड रखना”..
और जब उनसे पूछा गया के उस वख्त उन्हें इस काम की पगार कितनी मिलती थी तो उन्होंने इस का जवाब देते हुए कहा था के “उस वख्त उन्हें इस काम के 100 रुपये मिलते थे”…
सुनील दत्त साहब ने शुरुआती दौर में एक इंटरव्यू में अपनी दिनचर्या बताई थी..
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