धर्मेंद्र का फिल्मी करियर शुरू हुआ साल 1960 में. वो पहली बार फिल्मी पर्दे पर नजर आए फिल्म दिल भी तेरा हम भी तेरे से. फिल्म तो ठीक ठाक चली लेकिन सपोर्टिंग रोल में नजर आए धर्मेंद्र इसके बाद कुछ खास नाम हासिल नहीं कर सके. इसके बाद वो छोटी मोटी फिल्मों में काम करते रहे.
साल 1964 में उन्हें मोहन कुमार ने अपने डायरेक्शन में बन रही फिल्म ऑफर की. फिल्म का नाम था आई मिलन की बेला. इस फिल्म में धर्मेंद्र को राजेंद्र कुमार और सायरा बानो जैसे उम्दा कलाकारों के साथ स्क्रीन शेयर करने का मौका मिला. फिल्म में धर्मेंद्र, राजेंद्र कुमार के जुड़वा भाई बने थे और उनकी मोहब्बत के दुश्मन भी. वो निगेटिव शेड में थे फिर भी लोगों को खासे पसंद आए और हिट हुए.
ये फिल्म तो धर्मेंद्र के करियर में टर्निंग प्वाइंट साबित हुई ही, ये साल भी उनके लिए खूब तरक्की वाला साबित हुआ. इस साल वो मेकर्स की पहली पसंद बने और एक के बाद एक उनके हाथ सात बड़ी फिल्में लगीं. आज भी धर्मेंद्र के करियर की हिट फिल्मों की बात होती है. तो, डेब्यू फिल्म न होते हुए भी आई मिलन की बेला का नाम ही सबसे पहले लिया जाता है.