यह वाकया अमिताभ बच्चन और टीनू आनंद के बीच के पेशेवर रिश्ते और टीनू आनंद की दृढ़ता को दर्शाता है। उस समय अमिताभ बच्चन का स्टारडम चरम पर था और वे फिल्मों में अपने अभिनय के साथ-साथ अपनी स्क्रिप्ट और डायलॉग्स को लेकर भी सजग रहते थे।
‘कालिया’ फिल्म और टीनू आनंद का दृढ़ निश्चय:
टीनू आनंद, जो ‘कालिया’ फिल्म के निर्देशक थे, अपनी फिल्मों के डायलॉग्स को लेकर काफी संवेदनशील थे। उन्होंने अधिकतर फिल्मों में खुद डायलॉग्स लिखे थे और वे अपने लिखे डायलॉग्स में कोई बदलाव या छेड़छाड़ नहीं चाहते थे। उनके पिता भी एक सख्त फिल्मकार थे, जिन्होंने टीनू पर यह प्रभाव डाला था कि डायलॉग्स में बदलाव करना उचित नहीं है।
अमिताभ बच्चन का मना करना:
‘कालिया’ की शूटिंग के दौरान, एक ऐसा सीन आया जिसमें अमिताभ बच्चन को एक विशेष डायलॉग बोलना था। जब उन्होंने वह डायलॉग सुना, तो उन्होंने उसे बोलने से मना कर दिया। उस समय सेट पर प्राण साहब और परवीन बाबी भी मौजूद थे। अमिताभ बच्चन ने कहा कि वे उस सीन को इस तरह नहीं करेंगे, जो टीनू आनंद के लिए एक चुनौती बन गया।
टीनू आनंद की दृढ़ता:
टीनू आनंद ने इस परिस्थिति का सामना अपने ही तरीके से किया। उन्होंने अमिताभ बच्चन के मना करने के बावजूद वह शॉट वैसे ही किया, जैसा वह चाहते थे। यह टीनू आनंद की ढीठ स्वभाव और अपने काम के प्रति उनके समर्पण को दिखाता है।
ये था वो डायलॉग
तू आतिशे दोज़ख से डराता है जिन्हें
वह आग को पी जाते हैं पानी करके