Friday, January 10, 2025

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जब रिकॉर्डिंग के वक्त फूट-फूटकर रोने लगे थे मोहम्मद रफी, नहीं रुक रहे थे आंसू, आपको भी रुला देगा किस्सा.

साल 1966 में डायरेक्टर राम माहेश्वरी ने एक फिल्म बनाई, जिसका नाम था ‘नील कमल’. फिल्म में वहीदा रहमान, राजकुमार और मनोज कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई थी. इसी फिल्म का एक गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान मोहम्मद रफी फूट-फूटकर रोने लगे थे. आज भी लोग उस गाने को सुनकर रो पड़ते हैं।

‘ये रेशमी जुल्फें’, ‘क्या हुआ तेरा वादा’, ‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे’ मोहम्मद रफी के ऐसे न जाने कितने गाने हैं, जिनको उन्होंने अपनी मखमली आवाज से सजाया है. रफी साहब की कव्वाली, सूफी, रोमांटिक और दर्द भरे गानों को आज भी लोग याद करते हैं. सुरों के सरताज मोहम्मद रफी का करियर तीन दशक से लंबा रहा है. हजारों गानों की रिकॉर्डिंग करने वाले इस दिग्गज एक्टर के आंसू गाने को रिकॉर्ड करते हुए ऐसे छलके की फिर वो थम नहीं पाए और उन्होंने फिर उसी हाल में ये रिकॉर्ड किया।

साल 1966 में डायरेक्टर राम माहेश्वरी ने एक फिल्म बनाई, जिसका नाम था ‘नील कमल’. फिल्म में वहीदा रहमान, राजकुमार और मनोज कुमार ने मुख्य भूमिका निभाई थी. इसी फिल्म का एक गाने की रिकॉर्डिंग के दौरान मोहम्मद रफी फूट-फूटकर रोने लगे थे. आज भी लोग उस गाने को सुनकर रो पड़ते हैं।

क्यों रोने लगे थे मोहम्मद रफी

57 साल पहले रिलीज हुई इस फिल्म का वो सुपरहिट गाना है ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’, जिसकी रिकॉर्डिंग के दौरान अचानक ही रफी साहब रोने लगे. उनके आंसू रुक नहीं रहे थे और इस मंजर को देखकर वहां सभी लोग हैरान हो गए थे. हर आदमी ये सोच रहा था कि रफी साहब को ये क्या हो गया?

जब मोहम्मद रफी ने बताया था सच

दरअसल, गाने की रिकॉर्डिंग के ठीक 1 पहले ही उन्होंने अपनी बेटी की सगाई की थी और 2 दिन बाद ही उनकी बेटी की शादी थी. 50 साल पहले ‘शमां मैगजीन’ को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था, ‘मैं गाने की रिकॉर्डिंग करवा रहा था और ख्यालों में दो दिन बाद होने वाली अपनी बेटी की शादी का मंजर देख रहा था. मैं उन्हीं लम्हों के जज्बात में ऐसा बह गया कि लगा मेरी बेटी डोली में बैठ मुझसे जुदा हो रही है और मेरी आंखों से आंसू बहने लगे. उसी हालत में मैंने ये गाना रिकॉर्ड किया. हकीकत में आंसू मेरे दिल से निकले और आवाज से साए में ढलकर आ गए’।

इस गाने को मिला था नेशनल अवॉर्ड

‘बाबुल की दुआएं लेती जा, जा तुझको सुखी संसार मिले’ ये एक ऐसा विदाई गीत है, जो हर लड़की की शादी के बाद उसकी विदाई में बजता है. सुपरहिट गाने ‘बाबुल की दुआएं लेती जा’ उस समय का सबसे पसंद किया जाने वाला गाना बन गया. बाद में इस गीत को नेशनल अवॉर्ड मिला था. आज भी उस गानों तो सुन मां का ही नहीं बाबुल की आंखें भी नम हो जाती हैं।

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