विजय (1988), यश चोपड़ा द्वारा निर्देशित एक फिल्म है, जो 36 साल पहले रिलीज़ हुई थी। यह फिल्म कई कारणों से चर्चा में रही, लेकिन इसके कुछ खास पहलू हैं जो इसे और दिलचस्प बनाते हैं। आइए जानते हैं इस फिल्म से जुड़े कुछअनसुने बातें के बारे में:
- कास्टिंग की समस्याएं: फिल्म की कास्टिंग में सबसे बड़ी कमी थी कि 70 के दशक के सितारों जैसे हेमा मालिनी और राजेश खन्ना को मिडल जनरेशन के किरदारों में लिया गया। यह दर्शकों को उतना प्रभावित नहीं कर पाया। अगर किसी वरिष्ठ अभिनेता जैसे अमरीश पुरी, प्राण, या सुनील दत्त को इन भूमिकाओं में लिया जाता, तो शायद फिल्म को एक नया मोड़ मिल सकता था।
- रोहन कपूर और सोहनी की कास्टिंग: रोहन कपूर और सोहनी को फिल्म में साइन किया गया था। सोहनी को एक मुख्य भूमिका का वादा किया गया था, जबकि रोहन भी एक लीड रोल की उम्मीद कर रहे थे। लेकिन फिल्म के मुहूर्त पर पहुंचने पर उन्हें पता चला कि उनके लिए कुछ खास नहीं है। उन्हें मुख्य स्टार कास्ट के साथ मंच पर नहीं बुलाया गया। सोहनी को अनिल कपूर की बहन की भूमिका निभाने के लिए कहा गया, जिसे उन्होंने समर्थन भूमिकाओं को न करने के कारण मना कर दिया। उनकी जगह परिजात को लिया गया। इसके बाद रोहन कपूर ने भी फिल्म छोड़ दी और उनकी जगह अर्जुन सबलोक को लिया गया।
- भक्तावर खान के रूप में सोनम की शुरुआत: इस फिल्म में यश चोपड़ा ने भक्तावर खान के रूप में सोनम को लॉन्च किया।
- यश चोपड़ा और राजेश खन्ना का आखिरी साथ: यह फिल्म यश चोपड़ा और राजेश खन्ना की जोड़ी को एक साथ लाने वाली आखिरी फिल्म थी। इससे पहले ये दोनों 15 साल पहले दाग (1973) में साथ आए थे।
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